★★भजन★★
न देना दोष किस्मत को, विपत तो सब पे आती हैं।...
न देना दोष किस्मत को, विपत तो सब पे आती हैं।...
विपत आई अंधी आंधो पे लाल श्रवण सा पाया था...
न देना दोष किस्मत को, विपत तो सब पे आती हैं।...
विपत आई अंधी आंधो पे लाल श्रवण सा पाया था...
न देना दोष दशरथ को, विपत तो सब पे आती हैं।
न देना दोष किस्मत को, विपत तो सब पे
आती हैं।...2
विपत आई राजा दशरथ पे राम जब जा रहे थे वन को...2
न देना दोष केकई को, विपत तो सब पे आती हैं।
न देना दोष किस्मत को, विपत तो सब पे
आती हैं।...2
विपत आई नार द्रोपदी पे सभा मे चीर हरण करते...2
न देना दोष कौरव को, विपत तो सब पे आती हैं।
ना देना दोष किस्मत को, विपत तो सब पे
आती हैं।...2
विपत आई पाँचो पांडवो पे, छूटा देश भी अपना...2
न देना दोष जुए को, विपत तो सब पे आती हैं।
न देना दोष किस्मत को, विपत तो सब पे आती हैं।...2
Lyrics...
Na Dena dosh kismat ko, vipat to sab pe aati hai...2
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